Thursday, May 25, 2017

क्या ख़ूबसूरती सिर्फ बाहरी दिखावे से हैं 
क्या मन की खूबसूरती महज शब्द 
ये सवाल तुम से भी है और खुद से भी 

माना तुम्हारी नज़र में
 मैं खूबसूरत नहीं 
जिसे देखकर तुम चाँद सा कह सको 
जिसकी आँखों को तुम झील की उपमा दे सको 
जिसके गोरे बंदन को तुम ताजमहल कहो 
जिसे देखते हुए तुम उसे देखते रहे हो 

हाँ मैं तुम्हारी नज़र से दिखने में खूबसूरत नहीं 
जिसे तुम सुंदरता का ताज पहना सको 
जिसे महफ़िल में तुम अपनों से मिला सको 
जिसकी तारीफ में कोई शायरी बना सको 
जिसके लिए तुम खुद को भुला सको 






No comments:

Post a Comment