Sunday, September 10, 2017

वरुण - जिसे जिंदगी में क्या करना है शायद ही कभी समझ आये, लेकिन उसके ख्वाबो को पता हैं उनकी मंज़िल कहाँ हैं। वैसे दिल फेक भी है लेकिन दिल का साफ़ है लड़का।

तनु - तनुजा, जिंदगी को हर पल जीने का नया अंदाज़ समझती हैं। 

वरुण और तनु बहुत समय से एक दूसरे के साथ हैं।  काफी ब्रेकअप एंड पैच अप के बाद भी दोनों ६ साल से एक दूसरे के साथ ही हैं। 

वरुण की पहली मुलाकात तनुजा से क्लब में हुई थीं।  जहाँ वो कपल के लिए किसी लड़की की तलाश कर रहे थे और तनु किसी लड़के की. वैसे दोनों अपने दोस्तों के साथ आये थे लेकिन सिंगल। 

वरुण - Hi , क्या आप किसी को तलाश रही हैं क्या ?

तनु - नहीं , वो actually मुझे अंदर जाना है लेकिन यहाँ आकर पता चला कि सिर्फ कपल एंट्री हैं , मेरे सब फ्रेंड्स अंदर है पहले से। 

वरुण - Same Problem . Actually मैंने ही सब लोगो को कहा वो अंदर जाकर enjoy करे।  मेरी वजह से वो क्यों अपनी शाम बर्बाद करें। 

तनु - हम्म्म 

वरुण- आप भी अकेली है , क्या हम as a couple अन्दर जा सकते हैं। अगर आपको कोई प्रॉब्लम न होतो ?

तनु - जा तो सकते हैं , लेकिन एंट्री फीस कौन देगा। 

वरुण  हॅसने लगा। ....... 

तनु - हॅसते रहोगे या कुछ बोलोगे ? कुछ तो कहो ?

वरुण - जी। .. मैं दूँगा। after all you're my gf . 

तनु - ऐसा किसने कहा अंदर जाकर मैं आपके पैसे दे दूँगी।  So no gf ....... 

दोनों अंदर पहुंचे तनु ने वरुण को पैसे देने की बहुत कोशिश की लेकिन उसने लेने से मना कर दिया। 

वरुण - ये पैसे उधर ही रहने दीजिए।  आप शायद ऐसे ही मुझे याद रखे। 

तनु - मुस्कुरा दी.... 

दोनों ने अपने दोस्तों से एक दूसरे को मिलवाया। ढलती रात के साथ वरुण और तनु की बातें भी बढ़ती ही रही 
उस मुलाकात में वरुण की बातें तनुजा पर कुछ गहरा ही असर कर गयी थीं।  शायद इसलिए वो मुलाकात आखिर न हो कर पहली रही उसके बाद मुलाकातों का दौर शुरू हुआ और तनुजा वरुण के जाने कब तनु बन गयी उसे भी पता नहीं चला।

Part2

क्या तुम जानती हो तुम कितनी खूबसूरत हो। खासकर जब भी तुम्हे इस मोमबत्ती की धीमी सी जलती लौ की रौशनी में देखता हूँ तो खुद की किस्मत पर नाज और खुद पर गुमान होने लगता हैं....... अगर तुम्हे चाँद कहुँ तो खुद से धोखा होगा और तुम्हे मेरी बातें फ़िल्मी लगेंगी ........ तुम चाँद नहीं क्योंकि उसे देखने का हक़ सभी को हैं ,उसकी तारीफ़ का हक़ सभी को हैं। मैं ऐसा नहीं चाहता इसलिए तुम मेरी साँसों सी हो जो मेरी है किसी और की नहीं।। इन पर मेरा हक़ हैं किसी और का नहीं। तुम मेरी नींद भी हो और मेरा ख्वाब भी......... वरुण तनु की तारीफ में भूल ही गया था कि वो कितना तेज़ बोल रहा था।  जब तक उसने ये महसूस किया तब लोग उसे ही देख रहे थे।  उसने तनु को देखा तो उसकी आँखों में आंसू थे।

 वरुण - तनु तुम रो क्यों रही हो। I am sorry...... मुझे पता नहीं चला लोग हमे ही देख रहे थे। I know ये बहुत बुरा experience रहा तुम्हारे लिए।

 तनु ने कुछ नहीं कहा.......... 

वरुण - तनु please forgive me . मैं हमेशा याद रखूँगा। ऐसे चुप न रहो, कुछ तो कहो dear . 

 तनु - stupid ........ मैं रो इसलिए रही हूँ कि इससे पहले किसी ने मुझे इतना स्पेशल ट्रीट नहीं किया।  मुझे बहुत ख़ुशी हुई ये देखकर तुम्हे परवा नहीं लोग क्या सोचते है या कहते हैं..... 

वरुण - तनु की बातो को हैरानी से सुन रहा था। 

तनु हर शब्द के साथ वरुण के और नजदीक जा रही थी।  उसको शायद पूरी तरह समझ चुकी थी।  इसलिए नहीं की उसने तनु की तारीफ कुछ अपने अंदाज़ से की।  शायद इसलिए उसने ज़माने के सामने अपने दिल में छुपे इश्क़ का इज़हार कर दिया था.......... 

वरुण अपनी जगह से खड़ा हुआ....... तनु ने देखा तो वो उसके सामने अपने घुटनों पर था। 

वरुण - तनु मैं तुमसे कबसे कुछ कहना चाहता था। .... बस समझ नहीं पा रहा था।  तुमसे कैसे कहुँ ये कहना जल्दी तो नहीं हो जाएगी।  तुम्हारी ख़ुशी भी है या नहीं मेरी साथ।  

"तनु क्या तुम मेरी जागने की और रात को सोने की वजह बनोगी। तुम्हें अपनी साँसों सा ही सम्भालूंगा अपने ख्वाबों सा प्यार करूँगा"

तनु भी वरुण के साथ उसके सामने घुटनों पर बैठ गयी। वरुण मुझे भी तुमसे कुछ कहना था।  

ये सुनकर वरुण के चेहरे का रंग ही उड़ गया जैसे उसे पता था कि तनु उसे क्या कहना चाहती हैं। फिर भी उसने अपनी घबराहट को छुपते हुए तनु को कहा...... Please कहो 

तनु - वरुण तुम्हारे प्रोपोज़ करने का तरीका अच्छा था। मैं जानती हूँ यहाँ सब लोग हमे ही देख रहे हैं , अगर मैंने मन किया तो कुछ लोग मुझे यहाँ बुरा भी कहेंगे। लेकिन वरुण मुझे ये कहना बहुत जरुरी है........ 

वरुण - तनु please कहो मेरी धड़कन बढ़ रही है। क्या तुम मुझे पसंद नहीं करती। 

तनु - वरुण ऐसा कुछ भी नहीं 

वरुण- than क्या है? please कुछ तो कहो...... 

तनु - वरुण क्या तुम अनजानी सी और अचानक smile की वजह बनोगे। क्या तुम मेरे पहले की इश्क़ की आखिरी वजह बनोगे। तुम्हारे कुछ तो कहो कहने की वजह हमेशा में ही रहना चाहती हूँ........ 

एक साथ रेस्टोरेंट तालियों से गूंज गया।  वरुण ने तनु को गले लगा लिया। 

वरुण - तुमने तो मुझे डरा ही दिया था। मुझे लगा तुम मुझे कहोगी तुम किसी और से प्यार करती हो. 

तनु ने ज़ोर से हॅसते हुए कहा.......... 
" क्यों सिर्फ तुम्हे ही अच्छी लाइन्स पता हैं "......... 

चाँद और मोहब्बत की धीमी रोशिनी के साथ प्यार की नयी रात भी ढल गयी 


part 3--------

"वो इश्क़ करते है बेइंताह जानते थे हम 
उनके इज़हार खुद पर गुमा सा हो गया "

(तनु बहुत गुस्से में वरुण के कमरे में आती है और उसे गले लगा लेती हैं  )

वरुण -क्या बात हैं , गुस्से में प्यार ?

तनु झट से उससे दूर हो जाती हैं.............

तनु - वरुण तुम्हारा मोबाइल कहाँ हैं?

वरुण - यहीं कहीं रखा होगा। क्या हो गया ऐसा? बताओगी ?

तनु - पहले ज़रा मोबाइल ढूढ़ो फिर बताती हूँ।

 वरुण ने तनु को कभी इतने गुस्से में नहीं देखा था, वो अपना मोबाइल ढूढ़ने लगता हैं। लेकिन काफी ढूढ़ने के बाद भी उसे याद नहीं आता उसने मोबाइल कहाँ रखा था या देखा था।

वरुण - तनु क्या तुम मेरे नंबर पर कॉल करोगी please ..... मुझे याद नहीं आ रहा मोबाइल कहाँ रखा हैं।

तनु वरुण को बहुत गुस्से देखती हैं और कहती हैं।  मैं कॉल नहीं कर रही। खुद ही ढूढ़ो पता नहीं कहाँ रखा हैं।

वरुण - अब बता भी दो क्या हुआ इतना गुस्सा क्यों हो ? मोबाइल क्यों सर्च कर रही हो ? कुछ भेजा था या मैं फिर कोई स्पेशल डेट भूल गया ?

तनु कुछ नहीं कहती और गुस्से से सिर्फ वरुण को ही देखती रहती हैं..........

वरुण - यार याद आया रात को में अलमीरा से कुछ निकाल रहा था तो शायद वही रख कर भूल गया। अभी लाता हूँ ?
तनु - यार तुम्हे ऑफिस से कॉल नहीं आते क्या ? या मेरे अलावा कोई कॉल ही नहीं करता ?

वरुण जल्दी से फ़ोन लेकर वापस आता हैं , जानू ये रहा फ़ोन। अब गुस्सा मत हो, तुम्हारे अलावा मुझे किसी की आवाज़ नहीं अच्छी लगती और तुम गुस्सा हो तो मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लगता।

तनु - अच्छा मैं चलती हूँ , बहुत लेट हो गया हैं. और हाँ. . . . . . Please मोबाइल को ऐसे मत रख दिया करो चाहे मैं गुस्सा क्यों न हूँ।  किसी और को भी कोई काम हो सकता हैं.

वरुण - तुम मुझे बताने आयी थी क्या ?

तनु - नहीं , तुम्हारा मोबाइल सर्च करवाने। ........ (ज़ोर से हॅसते हुए )

अच्छा, bye tc और हाँ एक चीज़ भूल गयी.

वरुण- क्या ?

तनु - I LOVE YOU वो भी बहुत सारा।

वरुण  तनु को अपनी और खींचने की कोशिश करता है लेकिन वो चली जाती है।

तनु के जाने के बाद वरुण मोबाइल को ओपन करता हैं। वो देखकर हैरान हो जाता है और उसे तनु के इतना गुस्सा होने का कारण समझ आता हैं।

मोबाइल में तनु के 50 से भी ज्यादा कॉल्स होते हैं, जिसमे कुछ कॉल्स उसके दोस्तों के भी हैं।

वरुण को एहसास होता है कि तनु कितनी परेशान हुई होंगी शायद तभी उसने उसके दोस्तों को भी कॉल किया होगा। वरुण को याद आता है एक बार तनु के कॉल न receive ना करने पर वो तनु पर बहुत चिल्लाया था।  यहाँ तक की उसने उससे ब्रेकअप तक करने के लिए कह दिया था।

वरुण को कुछ मैसेज भी दिखते जिनमें कुछ मैसेज उसके दोस्तों और कंपनी के होते है. इन मैसेज में एक मैसेज तनु का भी होता है। वरुण जल्दी से मैसेज ओपन करता हैं।

Baby where are you? Are you ok?
mujhe bahut dar lag raha hai. please call karo. Agar gussa ho ya majak hai please aisa mat karo.
Aisa karoge to kabhi tumse baat nahi karungi. kisi ko bhi nai pata tum kaha ho
mujhe samjh nahi aa raha kya karu. Please ye message read karte hi mujhe call karo. warna mai ro dungi. jo tumhe bilkul bhi pasand nahi:(

वरुण मैसेज को कई बार पढता हैं , क्योकि उसने इससे पहले कभी तनु को ऐसे मैसेज लिखते हुए और behave करते नहीं देखा।  वो ये देखकर खुश भी था।

उसके नीचे ही एक मैसेज और था जो कि तनु का ही था।

 Baby ok I am sorry. Mai wapas gussa nahi karungi.
Please kuch to kaho.
Love you so much. Miss you.

वरुण ने इससे पहले कभी ऐसा नहीं किया था।  लेकिन ऐसा गलती से हुआ लेकिन उसे पता चला कि वो तनु के लिए आज भी बहुत खास हैं। वो उसे गले से लगाना चाहता था लेकिन तब तक तनु चली गयी। काश !मैंने ये मैसेज उसके सामने पढ़ लिए होते। मैं उसकी आँखों में अपने लिए फ़िक्र और प्यार कैसे नहीं देख पाया।
जो इश्क़ पर वक़्त की धूल चढ़ रही थीं , वो जैसे एक पल में हट गई।

part4......
#कुछतोकहो.....

"इश्क़ और सुकून उनमें ही था हमारा 
ना जाने ज़माने में क्या ढ़ूढ़ते रहे हम "

तुम हमेशा ऐसा ही करते हो। तुम्हें मेरी कोई परवा है ही नहीं। शायद इसलिए तुम्हें कोई फर्क नहीं पड़ता मेरे कुछ  भी कहने से ,तुम्हारे साथ रहने ना रहने से........ वरुण जब छोड़कर चली जाउंगी तब शायद तुम्हे एहसास हो पाए मेरे प्यार और मेरी कमी का......... तनु आँखों में आँसू लिए चली जाती हैं।

तुम्हे जाना है जाओ और कभी लौटकर वापस मत आना।  तुम्हारी वजह से ही मेरी जिंदगी में ये सब परेशानी है. अच्छा होगा ना  तुम रहोगी न ये सब सोचने की कोई टेंशन। वरुण बहुत गुस्से से दरवाज़ा बंद करता है और फ़ोन को ऑफ कर सो जाता हैं.

सुबह के ११ बजे.........
दरवाज़े की ज़ोर की दस्तक से वरुण की नींद खुलती है।  कोई उसके नाम के साथ ज़ोर से बार बार दरवाज़ा बजा रहा था।
वरुण- आ रहा हूँ यार दरवाज़ा तोड़ दोगे क्या ?

वरुण दरवाज़ा खोलता है। सामने उसका दोस्त केशव होता हैं।

वरुण- केशव तू क्या हुआ ?

केशव - यार तेरा फ़ोन क्यों बंद है कबसे फ़ोन मिला रहा हूँ। कहाँ गायब है तू ?

वरुण- यार कुछ नहीं ऐसे ही मूड ख़राब था इसलिए फ़ोन बंद करके सो गया था। तेरे चेहरे का रंग क्यों उतरा हुआ हैं।  तुझे क्या हुआ इतना उदास और परेशान क्यों sound कर रहा हैं।

केशव- कुछ नहीं बाद में बताऊंगा। तू जल्दी से कपडे पहेन कर आ। कहीं जाना हैं अभी।

वरुण- यार अभी तो आया है थोड़ी देर रुक मैं भी अभी उठा हूँ। चलते है थोड़ी देर में.

केशव वरुण पर चिल्लाते हुए।

बोला ना जल्दी से कपडे पहन कर आ कही urgently जाना हैं , time नहीं हैं सब समझाने का तुझे।

केशव को इतने गुस्से में देखकर वरुण जल्दी से तैयार हो कर उसके साथ चल देता हैं।  वो रास्ते भर केशव से पूछता हैं ,यार क्या हुआ ?
भाई कुछ तो बता हम जा कहाँ रहे हैं।?
तू इतना परेशान क्यों हैं ?

केशव -पहुंच गए..........

वरुण गाडी से उतरता हैं तो हैरान हो जाता हैं , केशव उसे तनु के घर लाया हैं।

वरुण- यार तुझे यहाँ क्यों लाया हैं ,यहाँ इतनी भीड़ क्यों हैं ? क्या हुआ हैं कोई कुछ बतायेगा मुझे।
क्या तनु की दादी जी की death हो गयी क्या ?

यार तनु अपनी दादी से बहुत प्यार करती थी। उसकी हालत तो बेकार होगी। वरुण अपना फ़ोन ढूंढता है कि वो तनु को कॉल करके बाहर बुला सके।  लेकिन जल्दी की वजह से अपना फ़ोन घर पर ही भूल आया था......

केशव किसी को कॉल करता हैं , तो तनु के घर से तनु और वरुण के सभी mutual friends बाहर आते दिखते हैं। सभी की आँखे नम हैं , सभी की हालत को देखकर वरुण पूछता हैं।
तनु कैसी हैं ?क्या वो दादी के जाने से बहुत दुःखी हैं ?

तभी केशव उसे गले लगा लेता हैं।  यार तनु हमारे बीच नहीं रही। वो हमे छोड़कर चली गयी।
वरुण केशव को झटके से दूर हटाता हैं , बहुत गुस्से से। ...

केशव के क्या बेहूदा मजाक हैं , तू अच्छे से जानता हैं मुझे ये मरने वाले joke पसंद नहीं खासकर तनु को लेकर।
वरुण सबकी तरफ देखता हैं तो सभी आँखे उसे केशव की बात को ही सच बताती हैं।

वो भागते हुए अंदर जाता हैं , अंदर पुलिस के साथ उसके पापा को देखता हैं।  पर उसे तनु नहीं दिखती। उसको सिर्फ रोने की आवाज़े ही सुनाई पड़ती हैं , केशव पीछे आकर वरुण को संभालता हैं।

वरुण रोते हुए यार तनु कहाँ हैं , बोल तू मजाक कर रहा हैं ये पुलिस क्यों हैं ?हुआ क्या हैं कल ही तो वो मेरे साथ थी मुझसे झगड़ा कर रही थी।  कल ही उसने मुझे गुस्से में कह कर गयी थी। हमेशा के लिए चली जाएगी।  इसलिए अपनी दादी की DEATH पर तुम लोगो के साथ मिल कर ये सब कर रही है ना।

वरुण की आँख से बहता हर आंसू जैसे तनु के सही होने की दुआ कर रहा था।  उसके कान बस तनु की ही आवाज़ सुना चाहते थे।
केशव उससे कुछ कहता हैं। ....... तभी सब लोग बाहर की तरफ जाने लगते हैं।  किसी की आवाज़ आती हैं।  हाय ! कोई तो मेरी बेटी को वापस ला दो।
वरुण पीछे मुड़कर देखता हैं तो तनु की माँ उसे दिखती हैं....... वो एक दम से ज़मीन पर बैठ जाता हैं।  केशव देखता हैं कि तनु की माँ के सामने तनु की deathbody भी रखीं हैं , जिससे लिपट कर वो रो रही होती हैं।

केशव को समझ ही नहीं आता वो वरुण को क्या कहे.

केशव रोते हुए वरुण तू ठीक हैं , कुछ तो बोल यार।  वो तनु है, तेरी तनु।  हम सबको छोड़कर चली गयी यार।
तू देखना नहीं चाहता क्या उसे आखिरी बार.........

वरुण चुपचाप वहाँ से उठकर चला जाता हैं. केशव भी उसके पीछे चल देता हैं।

केशव- उसने तुझे कितने कॉल किये थे। पुलिस वालो ने बताया अंकल को तनु की रेप के बाद मर्डर हुआ हैं।

वरुण के कदम एक दम से थम जाते हैं, जैसे तनु के साथ वो भी मर गया। वो ज़ोर से रोने लगता हैं।
यार सब मेरी वजह से हुआ काश ! मैं उसे कल रोक लेता अपने गुस्से में अपने प्यार को भूल गया। यार उसको बोल please कुछ तो कहे।
केशव वो तेरी अच्छी दोस्त हैं उसको बोल ऐसा न करे मेरे साथ इतनी बड़ी सजा उससे गुस्सा होने की।  वो हमेशा ऐसा ही करती हैं।  मुझे बिना बताये खुद कही भी चली जाती हैं।
मुझे कैसे छोड़ कर जा सकती हैं।
वरुण की ऐसी हालत देखकर केशव वरुण को अपने साथ वहां घर ले जाता हैं। वरुण गिरता जैसे होने घर पहुँचता हैं।  केशव तूने कहा था , उसने मुझे कॉल किया था. वो भागकर पाने कमरे में जाता हैं।  जल्दी से फ़ोन on करता हैं। ......

जिसमें तनु के missed call alert के साथ उसका मैसेज भी होता। ........

"tumhe bahut pareshan karti hoon na. mere jaane se tum khush rahoge. Ja rahi hoon. Ab na ro kar bhi bulaoge to bhi nahi aaungi."
good bye... Or ha Love you.

ये मैसेज पढ़कर वरुण के आंसुओं पर काबू नहीं रहता। वो तनु के नंबर पर reply करता हैं।
"baby please gussa mat ho. Please kuch to kaho"
You know na I love you so much.

"आज रात भी तुम मुझे मिलने का वादा कर फिर नहीं आयी. आज रात भी तुमने और नींद ने मुझे तन्हाई में छोड़ दिया. तुम्हारी ये ख़ामोशी मुझे अब जाने क्यों समझ नहीं आती......
प्लीज तनु कुछ तो कहो.........  

वरुण की आँखों के आंसू जो शायद वो सब कह रहे थे जिन्हे वो शब्दों में नहीं कह पा रहा था. तनु आज १ महीना हो गया तुम्हे मुझसे रूठे हुए अब तो मान जाओ..... तुम्हें तो मुझे सतना बिल्कुल भी पसंद नहीं। आज कितनी बातें कर रहा हूँ मैं और तुम हो की एक शब्द नहीं बोल रही।  हमेशा तुम बोलती थी कुछ तो कहो वरुण, आज इतना कुछ हैं मेरे पास कहने के लिए और तुम हो की रूठकर बैठी हो। मान भी जाओ यार , ऐसा भी क्या गुस्सा?

वैसे सब गलती मेरी ही है जब तुम गुस्सा हो कर गयी थी काश! मैंने तुम्हें मुझे छोड़कर जाने से रोक लिया होता। मैंने उस वक़्त अगर अपने गुस्से से ज्यादा तुम्हारे बारे में सोचा होता तो आज तुम्हारे पास मेरे साथ होती... "


Thursday, May 25, 2017

क्या ख़ूबसूरती सिर्फ बाहरी दिखावे से हैं 
क्या मन की खूबसूरती महज शब्द 
ये सवाल तुम से भी है और खुद से भी 

माना तुम्हारी नज़र में
 मैं खूबसूरत नहीं 
जिसे देखकर तुम चाँद सा कह सको 
जिसकी आँखों को तुम झील की उपमा दे सको 
जिसके गोरे बंदन को तुम ताजमहल कहो 
जिसे देखते हुए तुम उसे देखते रहे हो 

हाँ मैं तुम्हारी नज़र से दिखने में खूबसूरत नहीं 
जिसे तुम सुंदरता का ताज पहना सको 
जिसे महफ़िल में तुम अपनों से मिला सको 
जिसकी तारीफ में कोई शायरी बना सको 
जिसके लिए तुम खुद को भुला सको 






Just Friends

                                        
तारा - एक ऐसी लड़की जो जिंदगी अपने शर्तो पर जीती है लेकिन इंडियन संस्कार भी कही न कही उसे वो सब करने से रोक ही देते। जो वो बिना किसी शर्म के करना चाहती हैं।  वैसे उसने बहुत हद तक ऐसी चीज़े की भी है।

कुणाल - तारा का कॉलेज फ्रेंड कम बॉयफ्रेंड। कुणाल के लिए तारा के फ्रेंड है और तारा के लिए कुणाल फ्रेंड से कही ज्यादा। कुणाल फ्लिर्टी टाइप का लड़का है. तारा उसकी मुलाकात बहुत ही अजीब तरीके से हुई थी।

प्रिया - तारा की बचपन की सहेली जिसके सामने तारा चाहा कर भी कुछ छुपा नहीं पाती।  अगर कहे प्रिया तारा के लिए लास्ट मॉमेंट वाली लाइफ लाइन हैं। वैसे प्रिया को कुणाल बिलकुल भी पसंद नहीं।
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आज उससे बोल दूंगी। अब हम लोग साथ नहीं रह सकते। ऐसे तो बिलकुल भी नहीं।  आखिर हम किस रिश्ते में है, क्या हूँ मैं तुम्हारी ? दोस्त तो ये सब क्या है हमारे बीच जो दोस्ती जैसा नहीं लगता। तारा तू अपने ही ख्यालो कुणाल से जाने कितनी बार ये सवाल कर चुकी हैं, लेकिन उसके सामने आने पर जाने तुझे क्या हो जाता है.

(प्रिया तारा को गुस्से से, एक बात कहु तारा मुझे सच में लगता तुझसे कुछ नहीं हो पाएगा। ये फ्रेंड विथ बेनेफिट है।  उसे तो कभी तेरी वैल्यू नहीं होगी। तू पता नहीं क्यों ये सब कर रही है, एक वो है जो तुझे किसी चीज़ के अलावा कुछ नहीं समझाता।

तारा - यार वो नहीं समझता तो क्या करुँ। तू तो सं जानती है. पहले था मजाक लेकिन वो आज भी सब कुछ मजाक मैं ही लेता है। उसको लगता है मैं उसकी अच्छी फ्रेंड हो सकती हूँ उससे ज्यादा कुछ नहीं।

प्रिया - तारा तू पागल है क्या? तुम दोनों के बीच जो है, वो फ्रेंडशिप से कुछ ज़्यादा हैं।  उसे ये नहीं समझा आता ठीक है।  तुझे तो समझ आता है तू क्या कर रही है।  तेरी ख़ुशी का क्या ? कभी तूने कुणाल से पूछा है कि अगर तुम अच्छे दोस्त हो तो ये सेक्स क्यों है।
तारा या तो तू उससे सब सवालो के जवाब लेगी या ये फ्रेंडशिप भी खत्म कर देगी।  तू अगर सोचती है कि कुणाल तुझसे कभी प्यार करेगा तो तू गलत है।  अगर प्यार है भी तो अब उसे तेरे पास आने दे।
मैं तुझे रोज़ ऐसे खुद से लड़ते नहीं देख सकती।

तारा - यार क्या करुँ मैं , उसे लगता मैं उसके बिना खुश हूँ।  मैं उस जैसे इंसान के साथ नहीं रह सकती। कुणाल को लगता हैं।  मैं बहुत आज़ाद ख्यालो की लड़की हूँ और रिश्ते जैसी बातें मेरे लिए नहीं हैं।

प्रिया - वो तुझे सच में जानता है।  ऐसे कैसे कह दिया उसने तूने सुन भी लिया।  तारा क्या हो गया है तुझे ? तू सोचती मैं तुझे उसके साथ रहने दूंगी।  तू उसे आज ही अभी कॉल करके सब खत्म करेगी।

तारा कुणाल को कॉल करती हैं.......

कुणाल - हेलो , तारा

तारा - कुणाल मुझे तुमसे बहुत जरुरी बात करनी है। क्या तुम फ्री हो ?

कुणाल - हां , कहो।

तारा - कुणाल, मैंने तुमसे बहुत बार कहा लेकिन तुमने कभी मुझे सीरियस नहीं लिया।

कुणाल - तारा क्या हुआ ? सब  ठीक है ना ?

तारा - सब ठीक करने के लिए ही कॉल लिया है।

कुणाल - तारा बताओ क्या हुआ ? इतना परेशान क्यों लग रही हो ?

तारा - कुणाल मैं तुम्हारी कौन हूँ ?

कुणाल - फ्रेंड हो। . बहुत अच्छी फ्रेंड हो।  जो मुझे मुझसे कही ज्यादा समझती है।

तारा - क्या बस यही वजह थी हमारे साथ होने की ? जो हमारे बीच इतना कुछ हुआ वो क्या था ? तुम्हे पता है ,               मुझे लगता था तुम्हे कभी तो एहसास होगा मेरे प्यार का, लेकिन तुम्हे कभी वो प्यार नहीं दिखा। तुमने कभी मेरी आँखे पढ़ने की कोशिश ही नहीं की।
तुम्हारे लिए वो सब बकवास था ना।

कुणाल - तुम मुझे मुझसे भी ज्यादा जानती हो।

तारा - क्या तुम सच में चाहते हो ? मैं तुम्हारी जिंदगी से चली जाऊं। तुम्हे शायद प्यार करना नहीं सीखा पायी।
         
तारा रोते हुए कॉल रख देती है। 

कुणाल को अभी भी कुछ समझ नहीं आया आखिर हुआ क्या। ........ ?????


मौसम की वो पहली बारिश
तुमसे जिंदगी की पहली मुलाकात

तुम्हें वो पहली बार देखकर
वो तुम्हे देखते ही रहने वाला एहसास

तुमसे पहली नज़र का पहला प्यार
मेरे दिल का तेरे लिए इकरार

वो पहली बार जलन का एहसास
तुझे छूने का हक़ क्यों है बूंदो के पास

तेरा वो पलट कर भीगीं पलकों से देखना
उन पलकों की बूंदों में मेरा भीगना

वो तुझे महसूस करना खुद में
खुद को तेरी आँखों में भूल जाना

मेरे शब्दों में तेरी परछाई आज भी है
फिर मिलने की तमन्ना दिल में कही जिन्दा आज भी है







Wednesday, May 24, 2017

Just friends 2

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प्रिया - तारा क्या हुआ। क्या कहा उसने तू इतना क्यों रो रही है।

तारा - मैं हमेशा गलत थी और तू सही। क्या उसे कभी भी मुझसे प्यार नहीं हुआ था ? प्रिया शायद वो सही था मैं              ऐसी लड़की हूँ।  जिससे किसी को प्यार नहीं हो सकता। सेक्स ही सब है , उसके लिए फीलिंग नहीं चाहिए होती। मुझे लगता था वो सिर्फ मजाक करता है लेकिन मुझसे प्यार करता है।

प्रिया - जिंदगी में अगर हर इंसान वैसा हो जैसा तुमने सोचा तो जिंदगी जीना बहुत आसान हो जायेगा।  तारा तेरी            गलती इतनी रही तू उसके दर्द को भी प्यार समझ छुपाती रही। प्यार करना बुरा नहीं, प्यार  ऐसे का         मतलब सिर्फ सेक्स नहीं।  किसी इंसान को महसूस करना होता है। कुणाल जैसे लड़को के लिए अगर लड़की सेक्स के बारे में खुल कर बात करती है तो वो उन्हें उसके साथ कुछ भी करने का लाइसेंस मिल जाता है।
तू कही भी गलत नहीं है।

तारा कुछ लोगो के लिए जिंदगी को जीने का तरीका नहीं बदला जाता।  तुझे इसे पॉजिटिव वे में लेना चाहिए. इसे ही शायद इश्क़ का फलसफा कहते है।


तारा - लड़के कितनी आसानी से बोलते है।  लड़कियों के लिए जिंदगी में आगे बढ़ना कितना आसान होता है,                क्योंकि कुणाल जैसी लड़को को लगता है।  अगर लड़की बोल्ड है तो उसे प्यार नहीं हो सकता।  वो किसी एक लड़के से प्यार नहीं कर सकती। कैसे ये लोग लड़की के पहनावे से उसके संस्कारों का पता कर लेते है।
अगर ड्रिंक करती है तो बिलकुल उसके कितने ही बॉयफ्रेंड रह चुके होंगे।

"आखिर क्यों ऐसा है हमारा पुरुष प्रधान देश ऐसा"

प्रिया - तारा तुझे खुश होना चाहिए।  तू आज़ाद है दुनिया क्या सोच रही है तू कब से ये सोचने लगी।  आइ नो तुझे बुरा लगा होगा।  जो भी कुणाल ने कहा।  लेकिन आज कल ऐसा ही प्यार सेक्स तक है।  हम दोस्त है, लेकिन उसमे कुछ बेनेफिट होने चाहिए।

तारा ऐसा सिर्फ तेरे साथ नहीं हुआ बहुत लड़कियों के साथ होता है। बहुत बार हमे भी नहीं पता होता आखिर सब क्यों हो रहा है।  तूने सब क्लियर किया था ना.........

Monday, May 1, 2017

कुछ ख्वाब




हर शहर कुछ कहता है।  शायद यही वजह है कि हर नया शहर मुझे जैसे अपनी ओर खींचता है। नए लोग, नयी गलियां, नए से किस्से पुरानी इमारतों के, कुछ कहानियां जो पुरानी है लेकिन हर बार सुनने पर नयी लगती है। हर शहर बिता हुआ इतिहास और आने वाले इतिहास को साथ लेकर चलता है।

"वक़्त की खिड़की पर बैठ 
खुद को जीते देखती है जिंदगी
कितने ही मोड़ पर अकेली खड़ी थी 
जाने कितने ही रात अकेली जगी थी

अब ये नया शहर है पुणे. . .

इस शहर से पहली मुलाकात बहुत पहले हुई थी। लेकिन इस मुलाकात को जान पहचान में तब्दील हुए १ महीना हो गया। अब हम अजनबी से कुछ ज्यादा और अपनों से कुछ कम है। इस १ महीने में  इस शहर ने बहुत कुछ दिया है मुझे। बहुत सी नयी यादें बहुत से खूबसूरत पल जो इस शहर को जिंदगी में अपना कहने का मौका दे।  
शुक्रिया उन नए दोस्तों के लिए जो जिंदगी का एक बहुत खास हिस्सा बन गए है।

"जाने किस तलाश में एक नए शहर आये है 
कुछ ख्वाब साथ लिए कुछ अधूरे पल साथ लाये है 
जिंदगी को कुछ नए लोगो से मुखातिब कराने आये है 
कुछ पुराने कुछ नए से लम्हे जो यहाँ बनाये है ।"

वैसे तो अभी तो बहुत जानना बाकी है इस शहर को। कई ग़ज़ल लिखनी है अभी इस शहर की शामो पर। कई शायरी करनी है इसके बदलते मौसमों पर। रात कुछ अलग सी है यहाँ की।  रोज़ कुछ नया लगता है। हर सुबह के साथ एक नयी सोच ओस जैसा। अभी तो जिंदगी इसकी गलियों से अपनी मंज़िल का ही पता पूछ रही है। जाने क्या पता जिंदगी को जिस रास्ते और राही की तलाश वो यहाँ मिले।

"शब्दों की खोज शायद यहाँ ले आयी है 
तुझसे दूरी मुझे खुद के और करीब लायी है
खुद को हर शहर यूही कुछ नया सा तलाशती हूँ 
कुछ नया सा लिखकर शब्दों में छुपा लेती हूँ"

Thursday, April 27, 2017

मोहब्बत हो गयी हैं



ऐसा लगता तुमसे मिले एक अरसा हो गया
आज के ही दिन तो तुमसे मुलाकात हुई थी 
कितनी अकेली चुपचाप खड़ी तुम मुझे देख रही थी 
उम्मीदों की रोशिनी से मेरे अँधेरे मन को भर रही थी 

वैसे खाली तो आज भी है मेरे मन का वो कोना 
यहाँ कभी तुम मोहब्बत के साथ रहती थी 
आज उस कोने में दर्द की मोटी परत ज़मीं हैं 
जो कभी तुम्हारे आने की आहट से थोड़ी छड़ जाती हैं 

जिंदगी आज भी वैसी ही चल रही है 
जो कभी तुम्हारे जिंदगी में आने से पहले चला करती थी 
तुम्हारे साथ के पल जिंदगी ने अपने सुकून के लिए संभाल रखे हैं 
कभी खुद से परेशान होती है तो इन पलों की गोद में आराम करती हैं 

अब रातों को जागने की वजह नहीं होती 
फिर भी आँखें बंद नहीं होना चाहती 
तुम्हारे बिना कोई ख्वाब नहीं देखना चाहती 
तुम्हारे बिना चाँद को नहीं तकना चाहती 

कभी कहा नहीं तुमसे जब तक तुम साथ थी 
न जाने क्यों अब कहना चाहता हूँ 
कोरा हुआ करता था वो पन्ना जिंदगी का कभी 
जिसे तुम्हारे लिए आज शब्दों में रंगना चाहता हूँ 

दुनिया की नज़र में इसे इज़हार ए मोहब्बत कहते हैं 
जिसे में तेरे लिए ता उम्र कबूल करना चाहता हूँ 
तू भी करे मुझसे बेपनहा मोहब्बत कभी 
बस यही दुआ उस मोहब्बत के खुदा से करना चाहता हूँ 

तुझसे इस जुदाई को भी मोहब्बत का इम्तहान माना है 
कभी वापस मिले तो खुद को खुशनसीब समझूँगा 
ना करुँ उम्मीद इस मोहब्बत की राह में तुझसे 
अब खुद पर खुदा का इतना कर्म माँगा हैं