हर शहर कुछ कहता है। शायद यही वजह है कि हर नया शहर मुझे जैसे अपनी ओर खींचता है। नए लोग, नयी गलियां, नए से किस्से पुरानी इमारतों के, कुछ कहानियां जो पुरानी है लेकिन हर बार सुनने पर नयी लगती है। हर शहर बिता हुआ इतिहास और आने वाले इतिहास को साथ लेकर चलता है।
"वक़्त की खिड़की पर बैठ
खुद को जीते देखती है जिंदगी।
कितने ही मोड़ पर अकेली खड़ी थी
जाने कितने ही रात अकेली जगी थी।।"
अब ये नया शहर है पुणे. . .
इस शहर से पहली मुलाकात बहुत पहले हुई थी। लेकिन इस मुलाकात को जान पहचान में तब्दील हुए १ महीना हो गया। अब हम अजनबी से कुछ ज्यादा और अपनों से कुछ कम है। इस १ महीने में इस शहर ने बहुत कुछ दिया है मुझे। बहुत सी नयी यादें बहुत से खूबसूरत पल जो इस शहर को जिंदगी में अपना कहने का मौका दे।
शुक्रिया उन नए दोस्तों के लिए जो जिंदगी का एक बहुत खास हिस्सा बन गए है।
वैसे तो अभी तो बहुत जानना बाकी है इस शहर को। कई ग़ज़ल लिखनी है अभी इस शहर की शामो पर। कई शायरी करनी है इसके बदलते मौसमों पर। रात कुछ अलग सी है यहाँ की। रोज़ कुछ नया लगता है। हर सुबह के साथ एक नयी सोच ओस जैसा। अभी तो जिंदगी इसकी गलियों से अपनी मंज़िल का ही पता पूछ रही है। जाने क्या पता जिंदगी को जिस रास्ते और राही की तलाश वो यहाँ मिले।
"जाने किस तलाश में एक नए शहर आये है
कुछ ख्वाब साथ लिए कुछ अधूरे पल साथ लाये है।
जिंदगी को कुछ नए लोगो से मुखातिब कराने आये है
कुछ पुराने कुछ नए से लम्हे जो यहाँ बनाये है ।।"
वैसे तो अभी तो बहुत जानना बाकी है इस शहर को। कई ग़ज़ल लिखनी है अभी इस शहर की शामो पर। कई शायरी करनी है इसके बदलते मौसमों पर। रात कुछ अलग सी है यहाँ की। रोज़ कुछ नया लगता है। हर सुबह के साथ एक नयी सोच ओस जैसा। अभी तो जिंदगी इसकी गलियों से अपनी मंज़िल का ही पता पूछ रही है। जाने क्या पता जिंदगी को जिस रास्ते और राही की तलाश वो यहाँ मिले।
"शब्दों की खोज शायद यहाँ ले आयी है
तुझसे दूरी मुझे खुद के और करीब लायी है।
खुद को हर शहर यूही कुछ नया सा तलाशती हूँ
कुछ नया सा लिखकर शब्दों में छुपा लेती हूँ।"
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