Thursday, May 25, 2017

क्या ख़ूबसूरती सिर्फ बाहरी दिखावे से हैं 
क्या मन की खूबसूरती महज शब्द 
ये सवाल तुम से भी है और खुद से भी 

माना तुम्हारी नज़र में
 मैं खूबसूरत नहीं 
जिसे देखकर तुम चाँद सा कह सको 
जिसकी आँखों को तुम झील की उपमा दे सको 
जिसके गोरे बंदन को तुम ताजमहल कहो 
जिसे देखते हुए तुम उसे देखते रहे हो 

हाँ मैं तुम्हारी नज़र से दिखने में खूबसूरत नहीं 
जिसे तुम सुंदरता का ताज पहना सको 
जिसे महफ़िल में तुम अपनों से मिला सको 
जिसकी तारीफ में कोई शायरी बना सको 
जिसके लिए तुम खुद को भुला सको 






Just Friends

                                        
तारा - एक ऐसी लड़की जो जिंदगी अपने शर्तो पर जीती है लेकिन इंडियन संस्कार भी कही न कही उसे वो सब करने से रोक ही देते। जो वो बिना किसी शर्म के करना चाहती हैं।  वैसे उसने बहुत हद तक ऐसी चीज़े की भी है।

कुणाल - तारा का कॉलेज फ्रेंड कम बॉयफ्रेंड। कुणाल के लिए तारा के फ्रेंड है और तारा के लिए कुणाल फ्रेंड से कही ज्यादा। कुणाल फ्लिर्टी टाइप का लड़का है. तारा उसकी मुलाकात बहुत ही अजीब तरीके से हुई थी।

प्रिया - तारा की बचपन की सहेली जिसके सामने तारा चाहा कर भी कुछ छुपा नहीं पाती।  अगर कहे प्रिया तारा के लिए लास्ट मॉमेंट वाली लाइफ लाइन हैं। वैसे प्रिया को कुणाल बिलकुल भी पसंद नहीं।
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आज उससे बोल दूंगी। अब हम लोग साथ नहीं रह सकते। ऐसे तो बिलकुल भी नहीं।  आखिर हम किस रिश्ते में है, क्या हूँ मैं तुम्हारी ? दोस्त तो ये सब क्या है हमारे बीच जो दोस्ती जैसा नहीं लगता। तारा तू अपने ही ख्यालो कुणाल से जाने कितनी बार ये सवाल कर चुकी हैं, लेकिन उसके सामने आने पर जाने तुझे क्या हो जाता है.

(प्रिया तारा को गुस्से से, एक बात कहु तारा मुझे सच में लगता तुझसे कुछ नहीं हो पाएगा। ये फ्रेंड विथ बेनेफिट है।  उसे तो कभी तेरी वैल्यू नहीं होगी। तू पता नहीं क्यों ये सब कर रही है, एक वो है जो तुझे किसी चीज़ के अलावा कुछ नहीं समझाता।

तारा - यार वो नहीं समझता तो क्या करुँ। तू तो सं जानती है. पहले था मजाक लेकिन वो आज भी सब कुछ मजाक मैं ही लेता है। उसको लगता है मैं उसकी अच्छी फ्रेंड हो सकती हूँ उससे ज्यादा कुछ नहीं।

प्रिया - तारा तू पागल है क्या? तुम दोनों के बीच जो है, वो फ्रेंडशिप से कुछ ज़्यादा हैं।  उसे ये नहीं समझा आता ठीक है।  तुझे तो समझ आता है तू क्या कर रही है।  तेरी ख़ुशी का क्या ? कभी तूने कुणाल से पूछा है कि अगर तुम अच्छे दोस्त हो तो ये सेक्स क्यों है।
तारा या तो तू उससे सब सवालो के जवाब लेगी या ये फ्रेंडशिप भी खत्म कर देगी।  तू अगर सोचती है कि कुणाल तुझसे कभी प्यार करेगा तो तू गलत है।  अगर प्यार है भी तो अब उसे तेरे पास आने दे।
मैं तुझे रोज़ ऐसे खुद से लड़ते नहीं देख सकती।

तारा - यार क्या करुँ मैं , उसे लगता मैं उसके बिना खुश हूँ।  मैं उस जैसे इंसान के साथ नहीं रह सकती। कुणाल को लगता हैं।  मैं बहुत आज़ाद ख्यालो की लड़की हूँ और रिश्ते जैसी बातें मेरे लिए नहीं हैं।

प्रिया - वो तुझे सच में जानता है।  ऐसे कैसे कह दिया उसने तूने सुन भी लिया।  तारा क्या हो गया है तुझे ? तू सोचती मैं तुझे उसके साथ रहने दूंगी।  तू उसे आज ही अभी कॉल करके सब खत्म करेगी।

तारा कुणाल को कॉल करती हैं.......

कुणाल - हेलो , तारा

तारा - कुणाल मुझे तुमसे बहुत जरुरी बात करनी है। क्या तुम फ्री हो ?

कुणाल - हां , कहो।

तारा - कुणाल, मैंने तुमसे बहुत बार कहा लेकिन तुमने कभी मुझे सीरियस नहीं लिया।

कुणाल - तारा क्या हुआ ? सब  ठीक है ना ?

तारा - सब ठीक करने के लिए ही कॉल लिया है।

कुणाल - तारा बताओ क्या हुआ ? इतना परेशान क्यों लग रही हो ?

तारा - कुणाल मैं तुम्हारी कौन हूँ ?

कुणाल - फ्रेंड हो। . बहुत अच्छी फ्रेंड हो।  जो मुझे मुझसे कही ज्यादा समझती है।

तारा - क्या बस यही वजह थी हमारे साथ होने की ? जो हमारे बीच इतना कुछ हुआ वो क्या था ? तुम्हे पता है ,               मुझे लगता था तुम्हे कभी तो एहसास होगा मेरे प्यार का, लेकिन तुम्हे कभी वो प्यार नहीं दिखा। तुमने कभी मेरी आँखे पढ़ने की कोशिश ही नहीं की।
तुम्हारे लिए वो सब बकवास था ना।

कुणाल - तुम मुझे मुझसे भी ज्यादा जानती हो।

तारा - क्या तुम सच में चाहते हो ? मैं तुम्हारी जिंदगी से चली जाऊं। तुम्हे शायद प्यार करना नहीं सीखा पायी।
         
तारा रोते हुए कॉल रख देती है। 

कुणाल को अभी भी कुछ समझ नहीं आया आखिर हुआ क्या। ........ ?????


मौसम की वो पहली बारिश
तुमसे जिंदगी की पहली मुलाकात

तुम्हें वो पहली बार देखकर
वो तुम्हे देखते ही रहने वाला एहसास

तुमसे पहली नज़र का पहला प्यार
मेरे दिल का तेरे लिए इकरार

वो पहली बार जलन का एहसास
तुझे छूने का हक़ क्यों है बूंदो के पास

तेरा वो पलट कर भीगीं पलकों से देखना
उन पलकों की बूंदों में मेरा भीगना

वो तुझे महसूस करना खुद में
खुद को तेरी आँखों में भूल जाना

मेरे शब्दों में तेरी परछाई आज भी है
फिर मिलने की तमन्ना दिल में कही जिन्दा आज भी है







Wednesday, May 24, 2017

Just friends 2

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प्रिया - तारा क्या हुआ। क्या कहा उसने तू इतना क्यों रो रही है।

तारा - मैं हमेशा गलत थी और तू सही। क्या उसे कभी भी मुझसे प्यार नहीं हुआ था ? प्रिया शायद वो सही था मैं              ऐसी लड़की हूँ।  जिससे किसी को प्यार नहीं हो सकता। सेक्स ही सब है , उसके लिए फीलिंग नहीं चाहिए होती। मुझे लगता था वो सिर्फ मजाक करता है लेकिन मुझसे प्यार करता है।

प्रिया - जिंदगी में अगर हर इंसान वैसा हो जैसा तुमने सोचा तो जिंदगी जीना बहुत आसान हो जायेगा।  तारा तेरी            गलती इतनी रही तू उसके दर्द को भी प्यार समझ छुपाती रही। प्यार करना बुरा नहीं, प्यार  ऐसे का         मतलब सिर्फ सेक्स नहीं।  किसी इंसान को महसूस करना होता है। कुणाल जैसे लड़को के लिए अगर लड़की सेक्स के बारे में खुल कर बात करती है तो वो उन्हें उसके साथ कुछ भी करने का लाइसेंस मिल जाता है।
तू कही भी गलत नहीं है।

तारा कुछ लोगो के लिए जिंदगी को जीने का तरीका नहीं बदला जाता।  तुझे इसे पॉजिटिव वे में लेना चाहिए. इसे ही शायद इश्क़ का फलसफा कहते है।


तारा - लड़के कितनी आसानी से बोलते है।  लड़कियों के लिए जिंदगी में आगे बढ़ना कितना आसान होता है,                क्योंकि कुणाल जैसी लड़को को लगता है।  अगर लड़की बोल्ड है तो उसे प्यार नहीं हो सकता।  वो किसी एक लड़के से प्यार नहीं कर सकती। कैसे ये लोग लड़की के पहनावे से उसके संस्कारों का पता कर लेते है।
अगर ड्रिंक करती है तो बिलकुल उसके कितने ही बॉयफ्रेंड रह चुके होंगे।

"आखिर क्यों ऐसा है हमारा पुरुष प्रधान देश ऐसा"

प्रिया - तारा तुझे खुश होना चाहिए।  तू आज़ाद है दुनिया क्या सोच रही है तू कब से ये सोचने लगी।  आइ नो तुझे बुरा लगा होगा।  जो भी कुणाल ने कहा।  लेकिन आज कल ऐसा ही प्यार सेक्स तक है।  हम दोस्त है, लेकिन उसमे कुछ बेनेफिट होने चाहिए।

तारा ऐसा सिर्फ तेरे साथ नहीं हुआ बहुत लड़कियों के साथ होता है। बहुत बार हमे भी नहीं पता होता आखिर सब क्यों हो रहा है।  तूने सब क्लियर किया था ना.........

Monday, May 1, 2017

कुछ ख्वाब




हर शहर कुछ कहता है।  शायद यही वजह है कि हर नया शहर मुझे जैसे अपनी ओर खींचता है। नए लोग, नयी गलियां, नए से किस्से पुरानी इमारतों के, कुछ कहानियां जो पुरानी है लेकिन हर बार सुनने पर नयी लगती है। हर शहर बिता हुआ इतिहास और आने वाले इतिहास को साथ लेकर चलता है।

"वक़्त की खिड़की पर बैठ 
खुद को जीते देखती है जिंदगी
कितने ही मोड़ पर अकेली खड़ी थी 
जाने कितने ही रात अकेली जगी थी

अब ये नया शहर है पुणे. . .

इस शहर से पहली मुलाकात बहुत पहले हुई थी। लेकिन इस मुलाकात को जान पहचान में तब्दील हुए १ महीना हो गया। अब हम अजनबी से कुछ ज्यादा और अपनों से कुछ कम है। इस १ महीने में  इस शहर ने बहुत कुछ दिया है मुझे। बहुत सी नयी यादें बहुत से खूबसूरत पल जो इस शहर को जिंदगी में अपना कहने का मौका दे।  
शुक्रिया उन नए दोस्तों के लिए जो जिंदगी का एक बहुत खास हिस्सा बन गए है।

"जाने किस तलाश में एक नए शहर आये है 
कुछ ख्वाब साथ लिए कुछ अधूरे पल साथ लाये है 
जिंदगी को कुछ नए लोगो से मुखातिब कराने आये है 
कुछ पुराने कुछ नए से लम्हे जो यहाँ बनाये है ।"

वैसे तो अभी तो बहुत जानना बाकी है इस शहर को। कई ग़ज़ल लिखनी है अभी इस शहर की शामो पर। कई शायरी करनी है इसके बदलते मौसमों पर। रात कुछ अलग सी है यहाँ की।  रोज़ कुछ नया लगता है। हर सुबह के साथ एक नयी सोच ओस जैसा। अभी तो जिंदगी इसकी गलियों से अपनी मंज़िल का ही पता पूछ रही है। जाने क्या पता जिंदगी को जिस रास्ते और राही की तलाश वो यहाँ मिले।

"शब्दों की खोज शायद यहाँ ले आयी है 
तुझसे दूरी मुझे खुद के और करीब लायी है
खुद को हर शहर यूही कुछ नया सा तलाशती हूँ 
कुछ नया सा लिखकर शब्दों में छुपा लेती हूँ"